हमने भी सीखा-22
मुक्तक
जीने का मंत्र है
और जीतने का भी-
“एक-एक कदम आगे बढ़ते रहना.”
मेरी नजर मिलन की मधुरता पर है
तुम्हारी लक्ष्मणरेखा पर
पूर्व और पश्चिम का मेल
होता नहीं आता नजर
मन में तीव्र उत्कंठा हो
तो संभव हो सकता है सब कुछ
बिना उत्सुकता के कैसे हो सकता
रिश्तों का ऊंचा मुकाम!