क्षणिकाएं
बीता वो वक्त
जब…
ऋषि दधीचि
हनुमान सम सेवक
…पूजे थे जाते!
और आज,
मशीनी वक्त है
जिधर मानव _ जज़्बात
साधने को अपना स्वार्थ
कुचले हैं जाते।।
अंजु गुप्ता ✍🏻
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युद्ध विभीषिका
बना मानव
मानव का हंता
युद्ध विभीषिका
मानवता पर धब्बा
अंजु गुप्ता