कविता

दोस्ती

आओ दोस्ती का हाथ बढ़ायें
दुश्मन को भी गले   लगायें
दोस्ती की गुलशन को बनायें
रंग विरंगी फूलकई फूल खिलायें

काला हो या वो हो कोई गोरा
अमीरजादा हो या दीन का छोरा
सबको मैत्री की पैगाम भेजवायें
दुनियाँ में मानवता को जगायें

दुःख सुख का वो साथी होगा
कृष्ण सुदामा सा मैत्री  होगा
जो मुसीबत में काम वो आये
मैत्री का पैयाम लिख  जाये

सारा जग को देना है पैगाम
मानवता की सबको राम राम
जीवन का है अपना सिद्वांत
दोस्ती र्निभाओ रे पाकिस्तान

खून खराबा की बन्द करो दुकान
भाईचारा है अपना एक ईमान
जीयो और जीने दो भाईजान
गलत राह से निकलो जो है हराम

सुख शांति का करो प्रयास
दोस्ती का अटल हो विश्वास
जग तेरा है जग मेरा भी है
दया भाव का दिल में बसेरा है

दोस्ती का नया इतिहास लिखेगें
बम बारूद को अलविदा कहेगें
सब हैं उस परमेश्वर की संतान
मानव बन मानवता व इन्सान

— उदय किशोर साह

उदय किशोर साह

पत्रकार, दैनिक भास्कर जयपुर बाँका मो० पो० जयपुर जिला बाँका बिहार मो.-9546115088