वीर सावरकर
भारत की भूमि पर जन्मा,
विनायक दामोदर सावरकर
ऐसा वीर किरदार कहलाया है।
सावरकर का हर एक कदम,
विश्व में पहले स्थान पर आया है।
भारत मां को समर्पित जीवन,
हिंदुत्व का इतिहास बनाया था।
सर्वप्रथम उसने ही विदेशी वस्त्रों की होली जला ,
स्वदेशी होने का मान बढ़ाया था।
दुनिया का वह पहला कवि था।
जेल को दीवारों को कागज
और कील- कोयले को कलम बनाया था।
पूर्ण स्वतंत्रता आंदोलन का लक्ष्य,
सर्वप्रथम उसने ही घोषित कर दिखलाया था।
भारत की भूमि पर जन्मा,
ऐसा वीर किरदार कहलाया है।
सावरकर का हर एक कदम,
विश्व में पहले स्थान पर आया है।
झुका नहीं वह वीर सावरकर,
देश की खातिर सब सह आया था।
आंदोलनकारी होने पर,
उपाधि वापिस ले स्नातक की,
ब्रिटिश सरकार ने तुच्छ कदम उठाया था।
सर्वप्रथम उसने ही स्नातक होने का गौरव पाया था।
भारत की भूमि पर जन्मा,
ऐसा वीर किरदार कहलाया है।
सावरकर का हर एक कदम,
विश्व में पहले स्थान पर आया है।
दोहरे अजीवन कारावास की सजा को ,
देश के लिए हंस-हंस पूरी कर आया था।
वकालत पर रोक सहन कर ली।
लेकिन इंग्लैंड के राजा की वफादारी की शपथ नहीं ले पाया था।
पहला लेखक था वह विश्व का,
कलम जिसकी सत्य को ना झुठला पाई थी।
जिसकी कृति “1857 का प्रथम स्वतंत्रता “को
दो देशों में प्रकाशन से पहले प्रतिबंधित कर
ब्रिटिश सरकार प्रकाशित करने की हिम्मत नहीं जुटा पाई थी।
भारत की भूमि पर जन्मा,
ऐसा वीर किरदार कहलाया है।
सावरकर का हर एक कदम,
विश्व में पहले स्थान पर आया है।
राष्ट्र ध्वज तिरंगे में धर्म चक्र बन
उनके विचार जगमगायेंगे।
देश की माटी के लिए ,
वीर सावरकर के बलिदान को ,
भूल नहीं हम पायेंगे।।
— प्रीति शर्मा “असीम”