माह जून और स्कूल
बड़ा सुहावना लगता माह जून
संग लाता यह अपने मानसून ।
मौज-मस्ती छोड़ो चलों स्कूल
बादलों में छिपे सन और मून ॥
बड़ी अनमोल है पानी की बूंद
प्यासों के कंठ तर करता जून ।
बूंद कहती बच्चों जाओं स्कूल
तुम हीं हीं कल के कृष्ण-अर्जुन
— गोपाल कौशल भोजवाल