कविता

चॉंद ने चॉंदनी से पूछा

चॉंद ने चॉंदनी से कहा
तुम बिन मैं अधूरा हूं
चॉंदनी शर्मा के बोली
सजन चॉंद मैं सिर्फ तुम्हारी हूं।।
पूनम का चांद बनूं या अमावस का
हर रूप में साथ निभाई तू प्यारी है
चॉंदनी चॉंद से बोली खुश होकर
सौम्य स्वभाव मेरा क्यों कि मैं नारी हूं।।
अमावस रात में मैं अकेला जब पड़ जाता
तब चॉंदनी ही साथ देती वो सदाचारी है
चॉंदनी बोली सुख – दुख दो चक्र जीवन के
डर , जो ना डगमगाए वही नारी ही भारी है।।
चॉंद का अपने जो हर पल में साथ निभाए
वही चॉंदनी सच गुणकारी है।।2।।
— वीना आडवाणी तन्वी

वीना आडवाणी तन्वी

गृहिणी साझा पुस्तक..Parents our life Memory लाकडाऊन के सकारात्मक प्रभाव दर्द-ए शायरा अवार्ड महफिल के सितारे त्रिवेणी काव्य शायरा अवार्ड प्रादेशिक समाचार पत्र 2020 का व्दितीय अवार्ड सर्वश्रेष्ठ रचनाकार अवार्ड भारतीय अखिल साहित्यिक हिन्दी संस्था मे हो रही प्रतियोगिता मे लगातार सात बार प्रथम स्थान प्राप्त।। आदि कई उपलबधियों से सम्मानित