चॉंद ने चॉंदनी से पूछा
चॉंद ने चॉंदनी से कहा
तुम बिन मैं अधूरा हूं
चॉंदनी शर्मा के बोली
सजन चॉंद मैं सिर्फ तुम्हारी हूं।।
पूनम का चांद बनूं या अमावस का
हर रूप में साथ निभाई तू प्यारी है
चॉंदनी चॉंद से बोली खुश होकर
सौम्य स्वभाव मेरा क्यों कि मैं नारी हूं।।
अमावस रात में मैं अकेला जब पड़ जाता
तब चॉंदनी ही साथ देती वो सदाचारी है
चॉंदनी बोली सुख – दुख दो चक्र जीवन के
डर , जो ना डगमगाए वही नारी ही भारी है।।
चॉंद का अपने जो हर पल में साथ निभाए
वही चॉंदनी सच गुणकारी है।।2।।
— वीना आडवाणी तन्वी