खुद के अधिकार के लिए
हम तो कुछ भी कर सकते हैं
अपने अधिकारों के लिए,
नीति अनीति, न्याय अन्याय
सही ग़लत, दंगा फसाद भी।
क्योंकि ये तो हमारा अधिकार है,
आपका कुछ नहीं है भाई,
बेकार में मगजमारी न करो
अपने नहीं सिर्फ हमारे अधिकारों की बात करो।
क्या करोगे अपना अधिकार लेकर
हमें ही सौंप दो अपना अधिकार भी,
क्योंकि आपको भी पता है
अपने अधिकारों के लिए
हम कुछ भी कर सकते हैं
खून की नदियां भी बहा सकते हैं।
आपके अधिकार भी जब हमारे पास होंगे
तो हम उसकी भी हिफाजत कर लेंगे
बस उसका तनिक भी लाभ आपको न देंगे
यह और बात है कि एक बार
हमें अधिकार देकर देखिए
आपकी कसम हम आपको हमेशा के लिए
अधिकार विहीन कर देंगे,
आपके अधिकारों पर अपना कब्जा जमा लेंगे,
क्योंकि दुनिया जानती है कि
खुद के अधिकारों के लिए
हम कुछ भी कर ही लेंगे
अपना अधिकार हर हाल में ले ही लेंगे।