योग: कर्मसु कौशलम्
भारत की अत्यंत प्राचीन विरासत में से एक योग भी है आदि अनादि काल से ही योग एक जीवन जीने की कला और आज के आधुनिक डिजिटल युग में एक विज्ञान और औषधी रहित चिकित्सा पद्धति के रूप में वैश्विक स्तर पर लोकप्रिय हो चुका है, जिससे भारत की प्रतिष्ठा में चार चांद लग गएहैं इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है,योग दिवस पर भारत का रिकाॅर्ड-संयुक्त राष्ट्र महासभा में पीएम के प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद 21 जून को 2015 को पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया। इस साल करीब 35 हजार से ज्यादा लोगों ने दिल्ली के राजपथ पर योगासन किया। खास बात रही कि इनमें 84 देशों के प्रतिनिधि शामिल थे और 21 योगासनों का अभ्यास किया गया। यह अपने आप में एक रिकॉर्ड था। भारत में योग दिवस पर हुए इतने बड़े आयोजन को लेकर दो रिकॉर्ड गिनीज बुक में दर्ज किए गए। जिसमें पहला रिकॉर्ड 35,985 लोगों का साथ में योग करना था और दूसरा रिकॉर्ड 84 देशों के प्रतिनिधियों का एक साथ इस समारोह में हिस्सा लेना था।
बात अगर हम 21 जून को ही योग दिवस मनाने की करें तो, इसके पीछे एक खास वजह है। 21 जून को उत्तरी गोलार्द्ध का सबसे लंबा दिन होता है, जिसे लोग ग्रीष्म संक्रांति भी कहते हैं। भारतीय परंपरा के मुताबिक, ग्रीष्म संक्रांति के बाद सूर्य दक्षिणायन होता है। माना जाता है कि सूर्य दक्षिणायन का समय आध्यात्मिक सिद्धियां प्राप्त करने के लिए फायदेमंद है। इसी वजह से 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाने लगा।
बात अगर हम योग के प्राचीन विरासत होने की करें तो, भारतीय संस्कृति में योग रचा-बसा है। मन-मस्तिष्क को स्वस्थ रखने के लिए प्राचीन भारत में ऋषियों ने योग के उच्चतम विधा को अपनाया और खुद को आत्मनियंत्रित किया। माना जाता है कि योग शरीर की इंद्रियों को नियंत्रित करने की क्षमता देता है जिससे निरोग रहा जा सकता है। योग भगाए रोग तो सदियों पुरानी कहावत है। लेकिन समय का पहिया घूमा और हम आधुनिकता की अंधी दौड़ में शामिल हो गए। जीवन की आपाधापी के बीच अपनी प्राचीन पद्धति को भूलने लगे जिसका खामियाजा तमाम तरह की शारीरिक बीमारियों के रूप में भुगतना पड़ रहा है।
हालांकि, बीते कुछेक सालों में देश ही नहीं दुनिया ने योग की उपयोगिता को समझा और इसको अपनी दिनचर्या में शामिल किया। दुनिया को योग से नए सिरे से परिचित कराने में 21 जून का भी कम योगदान नहीं है। साल 2015 में 21 जून को पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया था। यह सफर देखते ही देखते सात साल का पड़ाव पार कर लिया। कोरोना काल में भी दुनिया ने योग को खूब अपनाया।बात अगर हम इस वर्ष 8 वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून 2022 को खास बनाने की करें तो, देश में 8वें अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस का शुभारंभ हो गया है। इसकी रूपरेखा पिछले 100 दिनों से चल रही थी, इस अन्तर्राष्ट्रीय कार्यक्रम में 100 से ज्यादा संगठन हिस्सा ले रहे हैं, ये कार्यक्रम देश के 100 शहरों में आयोजित किया गए थे।
देश के केंद्रीय आयुष मंत्री ने रविवार, 13 मार्च को ‘योग महोत्सव 2022 का उद्घाटन किया था। इसके साथ ही आठवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के लिए 100 दिनों की उल्टी गिनती भी शुरू हो गई है। योग दिवस के लिए चलाए जा रहे इस अभियान को 100 दिन, 100 शहर और 100 संगठन की थीम पर चलाया जा रहा था। ये कार्यक्रम 21 जून (अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस) तक पूरी दुनिया में संचालित हुए।
बात अगर हम इसके 50 दिनों की उल्टी गिनती की करें तो,अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस-2022 की 50 दिनों की उल्टी गिनती के अवसर पर आयोजित योग उत्सव के लिए असम के शिवसागर जिले का चुनाव केंद्र सरकार के पर्यटन को प्रोत्साहित करने का हिस्सा है। पर्यटन और आस-पास भवन बुनियादी ढांचे के विकास के लिए भारत सरकार ने पांच पुरातत्व स्थलों राखीगढ़ी, हस्तिनापुर, शिवसागर, धोलावीरा और आदिचनल्लूर को चिन्हित किया है। केंद्र सरकार ने इन पुरातत्व स्थलों को विकसित कर उन्हें देश के “प्रतिष्ठित” स्थलों में बदलने की एक योजना की घोषणा की है।
बात अगर हम योग दिवस की भव्यता की करें तो इसमें पूरा देश ही नहीं बल्कि 80 देशों के लोग भाग ले रहे हैैं, केंद्रीय मंत्री के अनुसार इस बार यह अनूठा आयोजन होने जा रहा है जो सुबह 3 बजे से शुरू होकर रात को 10 बजे तक चलेगा। यह दिवस न केवल सांस्कृतिक कार्यक्रमों के कैलेंडर में एक दिन को चिह्नित करेगा, बल्कि यह हमारे स्वास्थ्य और कल्याण को देखने और देखने के हमारे तरीके में एक क्रांति का प्रतीक होगा।
उन्होंने कहा कि, इस दिन के माध्यम से, हमारा उद्देश्य पारंपरिक प्रथाओं को अपनाने में तेजी लाना और विश्व को मन, शरीर और आत्मा के लिए इसके लाभों की याद दिलाना है. इस वर्ष की विषयवस्तु दुनिया के सामने आ रही भू-राजनीतिक दुविधाओं पर विचार करते हुए हर किसी को अपने स्वयं के परोपकारी और सहानुभूतिपूर्ण स्वरूप को आत्मसात करने में सहायक होने का प्रयास करने वाली है।
उन्होंने आगे बताया कि आजादी का अमृत महोत्सव के इस वर्ष देश में लगभग 75 प्रतिष्ठित स्थानों पर अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाएगा। यह दिन ऐसे अभिनव गार्जियन रिंग कार्यक्रम का भी साक्षी होगा, जिसमें विदेशों में भारतीय मिशनों द्वारा आयोजित किए जा रहे सभी कार्यक्रमों का 16 समय क्षेत्रों में सीधा प्रसारण होगा जो विश्व के पूर्वी हिस्से से शुरू होकर सूर्य की गति के साथ पश्चिम की ओर बढेगा।
बात अगर हम माननीय पीएम द्वारा योग समारोह के नेतृत्व की करें तो, मैसूर में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2022 के 8 वें संस्करण के आयोजन हुआ, इस बार का विषय मानवता के लिए योग था। दशहरा मैदान में एक स्थिर और एक डिजिटल प्रदर्शनी भी आयोजित की गई है जो शुरुआती योग कर्ताओं और विशेषज्ञों को समान रूप से आकर्षित करेगी और योग से उपकृत करने वाले विश्व का समग्र दृष्टिकोण प्रदान करेगी।
बात अगर हम पीएम के योग संबंधित ट्वीट की करें तो, पीएमने कहा है कि आज के समय में योग का महत्त्व और अधिक हो जाता है, जब नॉन कम्युनिकेबल और लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारियां युवाओं में विशेष रूप से बढ़ रही हैं।इसलिए अच्छी सेहत और तंदुरुस्ती के लिए योग का अभ्यास अवश्य करें। आसनों के अलावा योग में कई प्रकार के श्वसन व्यायाम भी शामिल होते हैं जो सेहत के लिए अनेक प्रकार से लाभकारी हैं। बात अगर हम योग दिवस 21 जून के इतिहास की करें तो, पहली बार अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया। पहल पीएम ने की थी। 27 सितम्बर 2014 को उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक प्रस्ताव रखा था। इस प्रस्ताव को 11 दिसम्बर, 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने पूर्ण बहुमत से पास किया। संयुक्त राष्ट्र महासभा के 193 सदस्यों में से 177 ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को मनाने के प्रस्ताव को ध्वनिमत से मंजूरी दी। इस प्रस्ताव को 90 दिन के अन्दर पूर्ण बहुमत से पारित किया गया, जो संयुक्त राष्ट्र संघ में किसी दिवस प्रस्ताव के लिए सबसे कम समय है।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून 2022 पर विशेष है।योग भगाए रोग- मानवता के लिए योग।भारतीय प्राचीन पद्धति, स्वास्थ्य मंत्र योग को दुनिया ने अपनी दिनचर्या में शामिल कर भारतीय प्रतिष्ठा में चार चांद लगाए हैं।
— किशन सनमुखदास भावनानी