गीत/नवगीत

याद है वो दिन आज भी

आज भी वो दिन हमको याद है
सर पर हमारे मोहब्बत ए ताज है
आज सीने में दफ़न वो एक राज है।।
आज भी वो दिन हमको याद है।।२।।
भरी बरसात में था उसका भीगा बदन
भीगे कपड़ो में झलका था उसका चमन
अधरों की लाली देख उसकी बहका मन।।
आज भी वो दिन हमको याद है।।२।।
लड़खड़ाते कदम से वो करीब आई
टूटी चप्पल से गिर बांहों मे मेरे समाई
शर्म हया का पर्दा दिखा पलकें झुकाई।।
आज भी वो दिन हमको याद है।।२।।
अजनबी वो कातिल रात ही थी घनेरी
बहकना चाहा , खुद को संभाल मैं पाया
अपने जज़्बाते मोहब्बत दिल में दबाया।।
आज भी वो दिन हमको याद है।।२‌‌।।
उसके लबों का कातिल तिल ग़ज़ब ढ़ाए
उसकी जुल्फों में दिल उलझना चाहे
कज़्जरारी आंखें दिल घायल करती जाए।।
आज भी वो दिन हमको याद है।।२।।
भुला ना पाया उस अजनबी को आज भी
जिससे मिलन की कल्पना भरी साज़ है
 सुरमई गूंजे सिसकती जैसे ये रात है।।
आज भी वो दिन हमको याद है।।२।।
— वीना आडवाणी तन्वी

वीना आडवाणी तन्वी

गृहिणी साझा पुस्तक..Parents our life Memory लाकडाऊन के सकारात्मक प्रभाव दर्द-ए शायरा अवार्ड महफिल के सितारे त्रिवेणी काव्य शायरा अवार्ड प्रादेशिक समाचार पत्र 2020 का व्दितीय अवार्ड सर्वश्रेष्ठ रचनाकार अवार्ड भारतीय अखिल साहित्यिक हिन्दी संस्था मे हो रही प्रतियोगिता मे लगातार सात बार प्रथम स्थान प्राप्त।। आदि कई उपलबधियों से सम्मानित