लघुकथा

लघुकथा- बगावत

“मैं इसको जन्म नहीं देने दूँगी ”  कविता की सास जोर जोर से बोल रही थी| कविता के गर्भ की जांच की रिपोर्ट आने के बाद कविता को बहुत खरा खोटा सुनाया सास को पोता की चाह थी|
कविता की गोद सुनी थी इससे पहले भी सास उसका दो बार गर्भपात करवा चुकी है |
लेकिन इस बार कविता ने बगावत कर दी बोली” कब तक में अपनी मातृत्व  से कब तक वंचित  रहूँगी |इस बार मैं अपनी बेटी को जन्म अवश्य दूँगी चाहे जो हो जाये|
मुझे आप लोगों की कोई जरूरत नहीं है  मैं यह घर छोड़कर जा रही हूँ|

पूनम गुप्ता

मेरी तीन कविताये बुक में प्रकाशित हो चुकी है भोपाल मध्यप्रदेश