कविता

आंसू का दर्द,

कुछ आंसू ऐसे होते हैं ,जो पलकों में रह जाते हैं ,
कुछ आंसू ऐसे होते हैं ,जो मिटटी में मिल जाते हैं,

कुछ आंसू रात की स्याही में,तकिये में छिप जाते हैं,
कुछ आंसू आने से पहले ही , हंसी में गुम हो जाते हैं,

कुछ आंसू ख़ुशी के होते हैं,जो सहज भाव छलकते हैं,
कुछ आंसू यादों के मोती बन,शबनम रूप निखरते हैं,

कुछ आंसू गम के साथी हैं कुछ आंसू दिल की राहत हैं,
कुछ आंसू दिल सुलगाते हैं, कुछ ठंडी आह बन जाते हैं,

कुछ आंसू बरस के सावन से, दिल को शीतल कर जाते हैं,
कोई इन का दर्द समझ पाए तो, यह मोती भी बन जाते हैं,

जहां आंसू बेपरवाह बहते, वहाँ रिश्ते भी मर जाते हैं,
कोई प्यार से गर आंसू पोंछे ,तो फूल से यह झर जाते हैं,

जो आंसू पोंछे दुखियों के, वह नेक इंसान बन जाता है,
जो बनता आंसूओं का कारण , हैवान वही कहलाता है,

सबसे अच्छा वह कान्धा है जो किसी के आंसू रसता है,
सबसे अच्छा वह रिश्ता है ,जो बिन आंसू के पलता है,

आंसूओ का ना सबब बनो , परोपकार करो ,उपकार करो,
बाँट के जीवन में खुशियाँ ,इस जीवन का उद्धार करो,

— जय प्रकाश भाटिया

जय प्रकाश भाटिया

जय प्रकाश भाटिया जन्म दिन --१४/२/१९४९, टेक्सटाइल इंजीनियर , प्राइवेट कम्पनी में जनरल मेनेजर मो. 9855022670, 9855047845