अमृत महोत्सव मनाएं
आइए! कुछ हम भी कर जाएं
कुछ करें या न करें
कम से कम आज़ादी का
अमृत महोत्सव ही मनाएं।
अपने घर पर तिरंगा फहराने से रहे
हर घर तिरंगा अभियान ही चलाएं,
देश प्रेम का जज्बा भले न हो
देशप्रेम का नारा तो लगाएं।
माना कि हम चोर बेइमान हैं,
लुच्चे लफंगों में बड़ा नाम है,
भ्रष्टाचारी, घूसखोर भी सही
पर देश तो हमारा है,यही समझाएं।
देश से प्यार है, आज़ादी से दुलार है
महज कोरी बकवास है,
निज स्वार्थ ही अपना विश्वास है,
मगर कोई बात नहीं यारों
ये तो हमारा खुद का सिद्धांत है।
आजादी का अमृत महोत्सव
मनाने भर से कुछ बदलाव
आयेगा या नहीं हम न सोचें,
मगर भीड़ में तो घुस ही जायें
कथित तौर पर ही सही
अमृत महोत्सव में अपनी अपनी
भागीदारी तो सुनिश्चित कराएं।
मन में कटुता है, वैमनस्य भी
भाई भाई को लड़ाने का
पूरा खाका तैयार भी है तो भी,
राज की बात मन में छुपाएं
आजादी का ये अमृत महोत्सव
लौटकर नहीं आयेगा यही सोचकर
बेशर्मी के साथ ही सही आओ
तिरंगा तो सब मिलकर लहराएं
अमृत महोत्सव को यादगार बनाएं।
हर घर, दुकान, मंदिर, मस्जिद
गिरिजा, गुरुद्वारों, रेगिस्तान ही नहीं
सरहद के हर कोने, हर कदम पर
अपना प्यारा तिरंगा फहराएं,
दुनिया को अपने अमृत महोत्सव का
भव्य से भव्यतम जलवा दिखाएं।
आपके मन में जो कुविचार हैं
उस पर तनिक लगाम लगाएं,
सिर्फ अमृत महोत्सव पर ध्यान लगाएं
दुश्मनों को तिरंगे की ताकत अहसास कराएं
तिरछी नजर जो डाल रहे हैं
तिरंगे की आन बान शान पर,
जय हिन्द, वंदेमातरम् का
सब मिलकर ऐसा जयघोष करें
कि उनकी आने वाली पुश्तें भी
अभी से थरथरायें, काँप जायें।
माना कि राजनीति की आड़ में
आप कुछ भी करते रहते हैं,
मेरी सलाह है सुधर जाएं,
राष्ट्र किसी एक की जागीर नहीं
बस! आप भी अब समझ जायें।
आजादी के अमृत महोत्सव में
खुशी खुशी अपनी भागीदारी निभाएं,
राष्ट्र को नीचा दिखाने की हरकतें बंद कर दें
वरना सीमा पार जाकर बस जाएं।
आजादी के अमृत महोत्सव पर
ये संदेश हर किसी के लिए है,
खुशी खुशी हम आप सब जश्न मनाएं
हिंदुस्तानी होने का गर्व दिखाएं
झूमें, नाचें, गाएं, तिरंगा सीने से लगाएं,
अमृत महोत्सव पर्व को सब मनाएं
इसको इतना भव्य बनाएं
कि दुनिया की आँखें चौंधिया जाएं,
हर घर, हर कोने में तिरंगा ही तिरंगा
पूरी दुनियां को नजर आए
आओ! सब मिलकर तिरंगा फहराएं
आजादी का अमृत महोत्सव मनाएं।