गीत/नवगीत

अमर रहेगा नाम

पल पल का वो साथ हमारा, इक दूजे सँग रहते थे।
छोटी मोटी हर बातों को, खुलकर दोनों कहते थे।।
बीत रहा था वो लम्हा भी, बड़ी हुई मैं छाया में।
जरा धूप ना आये मुझपे, छुपा रखे थे काया में।।

हँसते गाते साथ बिताये, और चली लम्बी बातें।
“बहुत समय है” कहते कहते, बीत गयी वो भी रातें।।
फड़क रही थीं आँखें मेरी, सपनों ने भी घेरा था।
नींद खुली जब झट से मेरी, लगा किसी का डेरा था।।

नहीं होठ मुस्कान जरा भी, बहती आँसू की धारा।
छूट गया पल में ही सब कुछ, टूट गया सपना सारा।।
बादल गरजे बिजली चमके, औचक ही बरसे पानी।
सुध बुध खोये बैठे हम थे, रूक गयी ये जिनगानी।।

प्यार हमेशा करते रहना, पूरा करना हर वादे।
बेटी बापू का रिश्ता है, हर पल आयेगी यादें।।
साथ हमारा बना रहेगा, समा गये तुम माटी में।
“अमर रहेगा नाम” सदा ही, साहित की परिपाटी में।।

— प्रिया देवांगन “प्रियू”

प्रिया देवांगन "प्रियू"

पंडरिया जिला - कबीरधाम छत्तीसगढ़ [email protected]