स्वास्थ्य

बुढ़ापा और जवानी

जवानी क्या है और बुढ़ापा क्या है.
उमंग और जोश जवानी है
उत्साह का मर जाना बुढ़ापा है
अगर आपके अंदर उत्साह है तो आप जवान है उम्र फिर क्यों न पचपन की हो .अगर आप थके थके बुझे बुझे हो तो आप बुढ़ापा जी रहे हैं भले आप चालीस के हो.जब तक आप उमंग और जोश में रहेंगे बुढ़ापा आपके पास भटक भी नहीं पाएगा. जो आपको बूढ़ा कहेगा उसके लिए अभिताभ का यह डायलॉग बूढ़ा होगा तेरा बाप.
सवाल यह है कि मानसिक रूप से बुढ़ापा न आए उसके लिए हमेशा पॉजिटिव रहें. मॉर्निंग वॉक,योग और कसरत करें. तनाव से अपने को मुक्त रखें, भीड़ से बचे, वो करें जो आपको अच्छा लगे न कि दूसरों को.रोज सुबह शाम 40/40 मिनट का ध्यान करें. रामायण गीता का नित्य आधा एक घंटा पाठ करें.एकांत में रहने का अभ्यास करें. दिन में दो घंटे पूर्ण मौन रहें. अच्छी डाइट लें,जिसमें दही हो,सलाद हो,फल हो, ड्राई फ्रूट्स हो,एक कप काफी लें . चपाती कम लें हो सके तो मोटे अनाज की लें जैसे ज्वार, बाजरा. एक मुट्ठी भुना चना सुबह चाय के साथ खाएं.

*ब्रजेश गुप्ता

मैं भारतीय स्टेट बैंक ,आगरा के प्रशासनिक कार्यालय से प्रबंधक के रूप में 2015 में रिटायर्ड हुआ हूं वर्तमान में पुष्पांजलि गार्डेनिया, सिकंदरा में रिटायर्ड जीवन व्यतीत कर रहा है कुछ माह से मैं अपने विचारों का संकलन कर रहा हूं M- 9917474020