हास्य व्यंग्य

नया अनुभव

 

कल रात मैंने कमाल कर दिया

आप तो मानोगे नहीं

पर मैंने यमराज को फोन पर धमका दिया।

मेरा फोन सुनकर यमराज काँपने लगे

अनुनय विनय कर हाथ जोड़ने लगे।

मैंने कहा-तुम कहाँ सो रहे हो?

मैं चिता पर कब से लेटा हूँ

मेरा बेटा मेरे दाह संस्कार को

उतावला हो रहा,

और तुम मेरा कन्फर्म टिकट

जेब में डाले खर्राटे भर रहे हो

अपनी ड्यूटी इतनी लापरवाही से

आखिर क्यों कर रहे हो?

नौकरी की जरुरत नहीं है तो बताओ

अनिवार्य सेवानिवृत्त लो और घर जाओ।

यमराज के हाथ पाँव फूल गए।

फोन पर ही वे हाथ जोड़ गिड़गिड़ाने लगे

पापी पेट की दुहाई देकर

रहम की भीख मांगने लगे,

हूजूर! आप तो बड़े दयालु हैं

फिलहाल तो आप ही मेरे मालिक हैं।

ये मेरे मालिक! बस इतनी कृपा करो

ये राज की बात हम दोनों के बीच ही रहने दो,

अब बेटे को दाह संस्कार की अनुमति दो।

मैं कन्फर्म टिकट संग

आपके स्वागत की व्यवस्था कर

जल्द ही आपके पास पहुंच जाऊँगा,

आपको अपने साथ ले आऊँगा।

तब तक आप कुछ और

नया अनुभव कर लीजिए।

मरने के बाद चिता पर तो सभी जलते हैं

आप जीते हुए चिता पर जलने और

जलकर मरने का नया अनुभव लीजिए।

सच मानिए! आपको खूब मजा आयेगा

मेरे साथ आपकी यात्रा का भी मजा दूना हो जाएगा,

आप जब अपना अनुभव खुशी खुशी हमें सुनाएंगे,

हम दोनों के रास्ते आसानी से कब कट गए

हम क्या आप भी समझ नहीं पायेंगे।

आपके इस विशिष्ट अनुभव का लाभ

जब कोई और लेने को उत्साहित होगा

तब मरने के बाद आपका नाम

धरती ही नहीं स्वर्ग के इतिहास में भी

जब दर्ज किया जायेगा,

तब धरती पर आपके बेटे का

और स्वर्ग में मेरा नाम भी निश्चित ही

आपके साथ साथ अमर हो जायेगा।

 

 

*सुधीर श्रीवास्तव

शिवनगर, इमिलिया गुरूदयाल, बड़गाँव, गोण्डा, उ.प्र.,271002 व्हाट्सएप मो.-8115285921