कविता

नशामुक्त समाज, संकल्प हमारा !

नशा, जीवन-विनाश का अहम कारण हैं,
घर-परिवार का सुखचैन, संपदा हरता हैं,
विनाशलीला का मकड़-जाल रचे यह,
नशामुक्ति अभियान, यही संकल्प हमारा हैं।।
तंबाकू, बीड़ी, सिगरेट, मादक पदार्थ,
अफीम, चरस, गांजा जीवन करे व्यर्थ,
तन-मन-धन स्वस्थ, यही हमारा संकल्प,
नशे से छुटकारा, खुशहाल जीवनार्थ।।
नशे की लत से मानव बने महादानव,
अच्छा-बुरा, अपना-पराया, न सद्भाव-दुर्भाव,
शरीर होवे निर्जर, रोगराई कसकर जकड़े,
निर्धन होवे घर-परिवार, आनंद अभाव।।
ढलती उम्र में अपनों की परवाह हो धर्म,
नशे में लिप्त भूले निज कर्तव्य कर्म,
मानव जन्म मिला हैं, बिगाड़ो न अपना सत्व,
नशे को न कहकर, चरितार्थ हो जीवन मर्म ।।

*चंचल जैन

मुलुंड,मुंबई ४०००७८