कविता

देश का नायक

सरहद पर जो वीर जाते हैं
देश का नायक कहलाते हैं
हँस कर खेलते है खून की होली
सरहद पे खाकर अनगिनत गोली

मातृभूमि की रक्षा इनका मकसद
धरती की सुरक्षा जिनका हसरत
मातृभूमि की मिट्टी को बचाना  है
धरती के लिये जान गॉवाना    है

कोटि कोटि उन वीरों को मेरा नमन
शहादत देकर जिसने दी है  वतन
प्राण न्यौछावर माँ भारती के चरणों में
शत शत नमन है उनके कर्मों   के

उन माता पिता को भी मेरा नमन
जिसने सींचा है वीरों की चमन
भेजा दिया है जिन्होंने अपने लाल
दिया है वतन की सुरक्षा देख भाल

ऐसे वीर सपूतों को नमन है मेरा
जिनके दिल में ना भाव लुटेरा
देश सुरक्षा उनका है सिर्फ काम
शत शत नमन कोटि कोटि प्रणाम

सीख लेना अय स्वार्थी नेता
देश के हित में जो है जी लेता
भ्रष्टाचार नहीं उनका है कर्म
राष्ट्र प्रेम है जिनका ही धर्म

— उदय किशोर साह

उदय किशोर साह

पत्रकार, दैनिक भास्कर जयपुर बाँका मो० पो० जयपुर जिला बाँका बिहार मो.-9546115088