जय विजय की रचनाकार अंजु गुप्ता की सुपुत्री श्रेया गुप्ता ने अपने ग्रीष्मावकाश के दिनों में खाली समय का सदुपयोग रेखाचित्र बनाने में किया। उनके बनाये कुछ रेखा चित्र यहाँ प्रस्तुत हैं।
— डॉ. विजय कुमार सिंघल
जय विजय की रचनाकार अंजु गुप्ता की सुपुत्री श्रेया गुप्ता ने अपने ग्रीष्मावकाश के दिनों में खाली समय का सदुपयोग रेखाचित्र बनाने में किया। उनके बनाये कुछ रेखा चित्र यहाँ प्रस्तुत हैं।
— डॉ. विजय कुमार सिंघल
प्रस्तुतकर्त्ता- छोटा-सा खरगोश नताशा, पेश हुआ ले एक तमाशा, सुनो-सुनो हे प्रिय श्रोताओं, प्रिय बहिनों और प्रिय भ्राताओं. खरगोश- आज खुशी का दिन है आया, जंगल में मंगल है छाया, ताल-वाद्य का होगा संगम, सबका ही दिल बहलाएंगे हम. सबसे पहले सुनलो बाजा, पेश करे खरगोश नताशा, गSSS ग सा ग म नी प, गSSS […]
शीघ्र प्रकाश्य पद्यकथा कृति बिना विचारे का फल से प्रकाशन हेतु गड़रिया और सिंह नदी किनारे हरा- भरा जंगल एक स्थित था अनेक पशु-पक्षी वहां थे रोज जंगल में मंगल था सारी दुनिया उपकार की बच्चों सबसे कहता था पास के गांव में स्थित एक गड़रिया रहता था सिंह राजा जंगल का बड़े […]
(१) नाममात्र के दोनों दानी करते दूजे काम हाँ इनका उपयोग जरूरी चलो बताओ नाम उत्तर – मच्छरदानी और चूहेदानी (२) तेजाबी पानी पीती है बैठी रहती मौन जैसे ही बिजली गुल होती करती लाइट ऑन उत्तर – इनवर्टर की बैटरी (३) एक बात की थोड़ी कच्ची दूजी पक्की पूरी इन दोनों बहनों के बिना […]
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आभार सर।