कविता

हिंदी भाषा

हिंदी मां की ममता जैसी।

हिन्दी मां की लोरी जैसी।
हिंदी सितार की है झंकार।
हिंदी सिखने की है ललकार।
हिंदी आज हरजन की पुकार।
हिंदी भारत मां की धड़कन।
हिंदी पर हम सबको अभिमान।
हिंदी पर हमारा स्वाभिमान।
हिंदी प्यारी राज दुलारी।
हिंदी भाषा जग में न्यारी।
हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने की करो तैयारी।
— डॉ.कान्ति लाल यादव

डॉ. कांति लाल यादव

सहायक प्रोफेसर (हिन्दी) माधव विश्वविद्यालय आबू रोड पता : मकान नंबर 12 , गली नंबर 2, माली कॉलोनी ,उदयपुर (राज.)313001 मोबाइल नंबर 8955560773