गीत यह ही तो मुहब्बत का – हमें आज आपको सुनाना है
क़तल हुआ है हमारे दिल का – और क़ातिल जाना पहचाना है
तोडकर अब हमें ग़रूर अपना – सुधर ही अब तो जाना है हमें
लेकर बाहों में अपनी आपको – सीने से अपने आपको लगाना है
छोडा था जहाँ आपने हमको – खडे हैं हम आज भी हम वहीँ पर
मुहब्बत बैशक थम गई हो हमारी – रास्ते से फिर भी हमें गुज़र जाना है
बहुत ही अज़ीज़ हैं हमको – यिह सारे ग़म जो आप ने दिये हैं हम को
पलकों पर अपनी सिर्फ हमने – अब इन्हीं को तो सजाना है
नहीं कहता कोई भी आपसे – दिल से दिल को मिलाने को
आप को तो सिर्फ खुशी खुशी – हाथ से हाथ ही मिलाना है
दर्द जो मिले हैं वोह तो हीरा हैं – वोह ही मोती हैं हमारे लिये
अब इन्हीं दिल के दर्दों को हमें – अपनी आँखों में बसाना है
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काम लेंगे अब तो हम भी – अपने इन हसीन होंटों से मदन
ग़मी में भी सब के सामने – रोते हुए खुशी से मुस्कराना है
नही देगां कोई अब हमें – चाँद कहीं से लाकर हमारे लिये
अब तो खुद ही हमें अपने लिये – इस दुनिया में जगमगाना है