गीत/नवगीत

बिटिया की वेदना

आज विदा होती है बाबुल, तुझसे तेरी राजदुलारी
तेरी आँखों की ज्योति वो, जो थी तुझको जाँ से प्यारी।

असुवन की धारों से तेरी, वह मेरे घावों को धोना
कैसे भूल सकूँगी बाबुल, दर्द मेरा पर तेरा रोना
क्या भूल पायेगा तू भी, मेरी पहली वह किलकारी
आज विदा होती है बाबुल, तुझसे तेरी राजदुलारी।1।

तन्हाई में छिपकर बाबुल, तू ना अपने अश्क बहाना
नहीं उठा पाऊँगी दाता, धरती से भारी हरजाना
तेरी आँखों के पानी पर, न्यौछावर है दुनिया सारी
आज विदा होती है बाबुल, तुझसे तेरी राजदुलारी।2।

मैं हर पूनम में बन होली, आँगन तेरा रंग जाती थी
रंगोली की रंगत से मैं, द्वारे तेरे सज जाती थी
कैसे महक सकेगी मुझ बिन, तेरी ये प्यारी फुलवारी?
आज विदा होती है बाबुल, तुझसे तेरी राजदुलारी।3।

राखी के बंधन में भैया, सौंप रही हूँ तुझको माता
ईश्वर के वरदान से बढ़कर, होता है जग में ये नाता
अगर बहे आँसू मैया के, मर जायेगी बहन तुम्हारी
आज विदा होती है बाबुल, तुझसे तेरी राजदुलारी।4।

छोड़ चली मैं द्वार तुम्हारा, कल तक थी जो घर गहना
सदा रहूँगी मैं धड़कन में, नहीं मुझे पराया कहना
ये कैसा दस्तूर अनोखा, समझ ना पायी कोई नारी
आज विदा होती है बाबुल, तुझसे तेरी राजदुलारी।5।

— शरद सुनेरी