जिंदगी एक जंग है
जिंदगी जीना कोई खेल नहीं
कदम कदम पर जंग है
कभी अपने से
कभी अपनों से
सुबह की शाम से
शाम की सुबह से
निरंतर एक जंग है
जिंदगी जीना कोई खेल नहीं
सत्य की असत्य से
असत्य की सत्य से
मान की अपमान से
अपमान की मान से
कभी जमीर की
कभी सिद्धांतों की
आपसी जंग है
जिंदगी हर कदम एक जंग है
इस जिंदगी की जंग में
हार और जीत दाव पर है लगी
देखना यह है
कौन हारता
कौन जीतता
जिंदगी की यह जंग