मेरी खुशियांँ , मेरे घर में
1–मेरा घर छोटा–सा ही पर ,
मेरे घर में रहनेवालों का दिल बहुत ही बड़ा है ।
2–मैं महंगें वस्तुओं से नहीं,
मैं बेला ,गुलाब , गुड़हल ,चंपा , चमेली फूलों से ,
घर को सजा कर रखती हूंँ।
3- मैं घर से बाहर कहीं जाती हूंँ तो मुड़ – मुड़ के बार – बार घर को देखती हूंँ।
4 मेरे प्राण घर के कोने – कोने में बसते हैं,
मुझे अपने घर में सुकून मिलता है।
5- मेरा घर मंदिर है और मेरे माता – पिता भगवान,
रोज सुबह – शाम दीपक जलाती हूंँ ,
सब खुश रहे यही दुआ मांगती हूंँ।
6- मेरे घर की रौनक हमेशा बनी रहे,
बच्चों को अच्छे संस्कार देती हूंँ,
मैं जानती हूंँ , यही मेरे धन – दौलत हैं,
इन्हीं से मेरे घर की खुशियांँ हैं।
— चेतनाप्रकाश चितेरी