दीपक
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दीपक सबको समान रूप से रोशन करता है,
स्नेह (तेल) की आखिरी बूंद तक अनवरत चलता है,
तेज़ हवाओं से भी साहस से लड़ता है,
निस्तेज होने से पहले अधिक तेज जलता है.
स्नेह (तेल) की आखिरी बूंद तक अनवरत चलता है,
तेज़ हवाओं से भी साहस से लड़ता है,
निस्तेज होने से पहले अधिक तेज जलता है.
सदियों तक जिंदा रहनेवाली बात लिख गए,
रोज पढ़ता है जमाना वो इबारत लिख गए,
शहर की बिजली में क्या लिख पाते वो लोग,
जो दीपक में रामायण-महाभारत लिख गए.
रोज पढ़ता है जमाना वो इबारत लिख गए,
शहर की बिजली में क्या लिख पाते वो लोग,
जो दीपक में रामायण-महाभारत लिख गए.