नर होकर निराश न होना
नर होकर कभी तुम निराश न हो जाना
मन मे आशाओं के लौ को जला रखना
अन्तर्मन में हरदम उजियारा भर जाना
जीवन मे आश विश्वास बना के चलना
जीवन संघर्ष है कभी हार कभी जीत है
संघर्षों से टकराना ही जीवन की रीत है
जो आग में तपता है वही तो दमकता है
चोट खा खाकर ही पत्थर पूजा जाता है
कभी भी खुशियों की चाहत मत रखना
कभी गमों से मन को आहत मत करना
जीवन में हरदम संतुलन बनाये रखना
हार को हरा कर जीत के लिए ही बढ़ना,
— अशोक पटेल “आशु”