राजनीति

क्या क्या बदलेगा इस चुनाव से?

आज कांग्रेस के महासचिव चुनाव के नतीजे आएं हैं,जिस के बारे में बहुत ही चर्चे पूरे मीडिया में रहा।उससे आगे एक लेख में मारा सवाल था कि इन चुनाव से एक और मैं कुर्सी का उद्भव होगा जो भूतकाल के एक प्रधान मंत्री के साथ हो चुका हैं। उस वक्त भी उनकी प्रतिभाओं का हनन पद  पद पर होता रहा था पूरे कार्यकाल में।मीडिया में अनगिनत किस्से हैं जो इस बात का प्रमाण हैं।और जग जाहिर था  जो पार्टी में होता रहा हैं।अनगिनत सालों तक पारिवारिक मामला नहीं रह कर अब पार्टी का मामला दिखाने की कोशिश के अलावा कुछ नहीं कहा जा सकता हैं।आज 24 सालों के बाद पार्टी अध्यक्ष का चुनाव के बाद पार्टी की छबि बदने की भरपूर कोशिश की जा रही हैं।
  खड़गे जी की चुनाव जीतने की खुशी में मैडम अपनी बेटी के साथ उन्हे जीत की खुशी में अभिनंदन देने बाजे गाजें के साथ पहुंची ये भी मीडिया में खूब बताया जा रहा हैं।पार्टी के प्रति अपनी वफादारी से ज्यादा अपनी जिम्मेदारी की बात करते खड़गे जी चुनाव से पहले तक  सुने जा रहे थे।
आला कमान को बड़बोले शशि थरूर से मौन सम्मति देने वाले खड़गे ज्यादा पसंद आये ये साफ दिखाई दे रहा हैं।इसी लिए बहुत ही बड़े अंतराल से शशि थरूर को हराया हैं।मल्लिका अर्जुन खड़गे को 7897 जहां शशि थरूर को 1072 मत मिले हैं।एक कहावत हैं कि अपने से ज्यादा चतुर मददनिश नहीं रखना चाहिएं,वरना वह मालिक कब बन बैठे उसका पता ही नहीं चलेगा।इस लिए नौकर हमेशा बुध्धु ही रखना चाहिए।
      वैसे इतने वरिष्ठ और अनुभवी हैं मल्लिका अर्जुन खड़गे जी,जिससे कांग्रेस की छबि बदलने का अवसर भी मिले शायद।कई बार मुंह का निवाला छीना जा चुका हैं उनसे,मुख्य मंत्री बनते बनते चूक जाते थे।इनके जीवन का एक बहुत उज्ज्वल प्रसंग मशहूर तो नहीं किंतु बहुत अच्छा हैं।वीरप्पन जिसे हम चंदन चोर से जानते हैं,उसका आत्म समर्पण करने में इनका बहुत ही उम्दा प्रयत्न था,तब वे गृह मंत्री हुआ करते थे।ये एक ऐतिहासिक घटना थी।
2019 से पहले उन्होंने कभी कोई चुनाव हारा नहीं था।
 शशि थरूर और उनके साथियों ने चुनाव दरम्यान धांधली की फरियाद भी की थी किंतु पत्रकार को सही तरीके से जवाब नहीं दे बात टाल दी गईं थी।शशि थरूर ने भी हार जाने के बाद खुसियाई बिल्ली खंभा नौचे वाली बात अपने छोटे से साक्षात्कार में कहा था।जो छोटा सा समर्थन मिला उसके लिए उनका धन्यवाद कर उनकी जीत पार्टी की जीत बताया।
   अब तो समय ही बताएगा कि कौन सशक्त हो पार्टी के हित में काम करता हैं या आगे से चली आती हैं वही ढर्रे से पार्टी चलेगी।
— जयश्री बिरमी

जयश्री बिर्मी

अहमदाबाद से, निवृत्त उच्च माध्यमिक शिक्षिका। कुछ महीनों से लेखन कार्य शुरू किया हैं।फूड एंड न्यूट्रीशन के बारे में लिखने में ज्यादा महारत है।