सपनों का राजकुमार
“मेरी प्यारी-सी परी बिटिया, अच्छे-से दूध-रोटी खाएगी, तो जल्दी ही बड़ी हो जाएगी। फिर एक दिन उसके सपनों का राजकुमार आएगा और उसे अपने साथ ले जाएगा। फिर हमारी परी बिटिया उसके महल में महारानी की तरह राज करेगी।” अपनी नौ वर्षीया बेटी को प्यार से खाना खिलाती हुई उसकी माँ बोली।
“ना बहु ना। तुम भी जानती हो और मैं भी जानती हूँ कि ऐसा कोई भी राजकुमार न कभी आया है, न कभी आएगा। हमारी परी बिटिया अच्छे-से दूध-रोटी खाएगी, खूब पढ़-लिखकर आत्मनिर्भर बनेगी। फिर तो इसके सामने राजकुमारों की लाइन लग जाएगी। इसलिए फर्स्ट प्रायोरिटी हेल्थ और कैरियर। बहु, हमें चाहिए कि हम बेटियों को झूठे सपनों की दुनिया दिखाने की बजाय आत्मनिर्भरता का पाठ पढ़ाएँ।” परी की दादी माँ बोली।
-डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा