भागेगा जाड़ा
सरदी जी लाए पैगाम ,
शीत ऋतु का तुम्हे सलाम।
सुबह जल्दी मत उठना तुम ,
करना देर तलक आराम।
दिन भर कम्पना जाड़े से ,
करना नाही कोई काम।
कसरत से कतराना मीत ,
फिल्म देखते गुजरे शाम।
अब स्नान की कर दो छुट्टी ,
सखे बचा जाड़े से चाम ।
पीते रह के काफी चाय ,
करना सरदी को नाकाम।
शाम बैठना पास अलाव ,
भागेगा जाड़ा गुलफाम।
आलसी कामचोर खातिर,
सरदी जी लाए पैगाम।
— महेंद्र कुमार वर्मा