विकास यात्रा
सोच विचार कर, नीतियां बनाएं
भ्रष्टाचार को शीघ्र, काबू में लाएं
इतना हमेशा, अवश्य ध्यान रखें
जनता की मुश्किलें, बढ़ने न पाएं
यात्रा विकास की, रुकने न पाए ।
विदेशी कर्जे पर, न रेवड़ियां बांटो
आस-पड़ोस से कुछ तो सबक लो
आपकी आपस की, प्रतिद्वन्दिता
भारत वर्ष को, न भारी पड़ जाए ।
यात्रा विकास की, रुकने ना पाए ।
करदाताओं के परिश्रम की कमाई
वोट खरीदने के, क्यों काम आई
ईमानदारी से जो, कर चुकाते
उनकी मेहनत, क्यों बेकार जाए ।
यात्रा विकास की, रुकने ना पाए।
सबको पता है, यह दौर कठिन है
मेहनतकशों का, जीना मुश्किल है
ऐसे में क्यों तुम, कर बोझ बढ़ाते
हमारी दिक्कतें, क्या नजर न आएं
यात्रा विकास की, रुकने ना पाए।
केवल अपने हित, की ही न सोचों
मध्यम वर्ग की भी, कुछ खबर लो
जी एस टी में हुई, भारी बढ़ोतरी
इसका कुछ अंश हम तक भीआए
यात्रा विकास की, रुकने ना पाए।
बहुत से देशों की, हम पर नजर है
हमारे हर कदम की, उन्हें खबर है
बच्चों की माफिक,आपस में लड़ते
होकर माननीय भी, शर्म ना आए
यात्रा विकास की, रुकने ना पाए।
फिजूलखर्ची पर, लगाम लगाइये
समय के अंदर, काम निपटाइये
संसद का समय, बहुत कीमती है
अड़ंगेबाजी में क्यों, बर्बाद जाए ।
यात्रा विकास की, रुकने ना पाए।
— नवल अग्रवाल