अभी तो कदम बढ़ाया है
अभी तो कदम बढ़ाया है
तेरा दूर मंजिल बाकी है
मंजिल दूर तो दिखती है
परन्तु मुमकिन बाकी है।
कभी भी साहस मत खोना
तेरे मन का विश्वास बाकी है
कभी खुद को मत भूलाना
अभी तेरा जज्बात बाकी है।
नामुमकिन कुछ नहीं होता
अभी तो तेरा प्रयास बाकी है
हौसला तुम कभी मत खोना
तेरे उड़ानों का आस बाकी है
मंजिल दूर नहीं राह निहारे हैं
तेरा कदम बढ़ाना बाकी है
एक बार चलना तो शुरु कर
तेरा मंजिल पाना बाकी है।
निराशा को लागा दे ठिकाना
अभी तो तेरा मुकाम बाकी है
कमर कस ले और यह ठान ले
अभी कोशिश तमाम बाकी है
— अशोक पटेल “आशु”