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महिला काव्य मंच (रजि.) की  काव्य गोष्ठी (आगरा) 

महिला काव्य मंच, आगरा इकाई द्वारा  मासिक काव्य गोष्ठी दिनाँक 30/12 को दोपहर साढ़े तीन बजे से आगरा इकाई की अध्यक्ष के घर पर आयोजित की गई। विशिष्ट अतिथि कुसुम चतुर्वेदी दीदी का आशीर्वाद मिला जो कि कार्यक्रम को उच्चता प्रदान करता है।
 तथा अध्यक्षता रही रमा वर्मा ‘श्याम’ दीदी की।
संचालन  किया महिला काव्य मंच की वरिष्ठ सदस्य साधना वैद दीदी ने ।  अध्यक्ष ने सबका स्वागत करते हुए सरस्वती वंदना के लिए रमा  दीदी को आमंत्रित करके कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कुशल संचालन के लिए वैद दीदी का आभार।
काव्य गोष्ठी का कार्यक्रम बहुत ही खुशनुमा और ताजगी प्रदान करने वाला रहा।  गोष्ठी में कविताओं के द्वारा ठण्ड का स्वागत हुआ तो दूसरी ओर स्त्री के स्तर को लेकर चर्चा भी हुई।
 रमा वर्मा ‘श्याम’, साधना वैद, रेखा कक्कड़, कुसुम चतुर्वेदी, विजय तिवारी तथा सविता मिश्रा ‘अक्षजा’ कुल 6 सदस्यों ने उपस्थित हो अपनी अपनी प्रस्तुतियाँ दीं।
अंत में अक्षजा ने इस सफल मासिक गोष्ठी के लिए सभी सदस्यों का आभार व्यक्त किया और नव कैलेंडर की बधाई देने के साथ ठण्ड का आनन्द लेने की कामना के साथ गोष्ठी समाप्ति की घोषणा की।

*सविता मिश्रा

श्रीमती हीरा देवी और पिता श्री शेषमणि तिवारी की चार बेटो में अकेली बिटिया हैं हम | पिता की पुलिस की नौकरी के कारन बंजारों की तरह भटकना पड़ा | अंत में इलाहाबाद में स्थायी निवास बना | अब वर्तमान में आगरा में अपना पड़ाव हैं क्योकि पति देवेन्द्र नाथ मिश्र भी उसी विभाग से सम्बध्द हैं | हम साधारण गृहणी हैं जो मन में भाव घुमड़ते है उन्हें कलम बद्द्ध कर लेते है| क्योकि वह विचार जब तक बोले, लिखे ना दिमाग में उथलपुथल मचाते रहते हैं | बस कह लीजिये लिखना हमारा शौक है| जहाँ तक याद है कक्षा ६-७ से लिखना आरम्भ हुआ ...पर शादी के बाद पति के कहने पर सारे ढूढ कर एक डायरी में लिखे | बीच में दस साल लगभग लिखना छोड़ भी दिए थे क्योकि बच्चे और पति में ही समय खो सा गया था | पहली कविता पति जहाँ नौकरी करते थे वहीं की पत्रिका में छपी| छपने पर लगा सच में कलम चलती है तो थोड़ा और लिखने के प्रति सचेत हो गये थे| दूबारा लेखनी पकड़ने में सबसे बड़ा योगदान फेसबुक का हैं| फिर यहाँ कई पत्रिका -बेब पत्रिका अंजुम, करुणावती, युवा सुघोष, इण्डिया हेल्पलाइन, मनमीत, रचनाकार और अवधि समाचार में छपा....|