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विष्णु सक्सेना को जय शंकर प्रसाद सम्मान

उ. प्र हिंदी संस्थान लखनऊ द्वारा अपने 46 वें स्थापना दिवस पर 2021 में प्रकाशित पुस्तकों के लिए नामित तथा सर्जना पुरुस्कार 30 दिसम्बर को प्रदान किए गए। साहित्य की विभिन्न विधाओं में 35, 35 पुरुस्कार दिए गए।संस्थान के यशपाल सभागार में आयोजित समारोह में वरिष्ठ साहित्यकार डा राम कठिन सिंह , डा सुधाकर अदीब व संस्थान के निदेशक आर पी सिंह ने साहित्य कारों को अंग वस्त्र उड़ाकर व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। गाजियाबाद के कवि श्री विष्णु सक्सेना को उनके खंड काव्य ” सुनो राधिके सुनो ” पर जय शंकर प्रसाद नामित पुरुस्कार व गाजियाबाद की ही कहानीकार श्रद्धा पांडेय को बाल साहित्य के लिए नामित सूर पुरुस्कार देकर सम्मानित किया गया। नामित पुरुस्कारों के लिए 75 हजार की धन राशि प्रत्येक साहित्यकार के खाते में जमा करवाई गई। संस्थान की प्रधान संपादक डा अमिता दुबे ने कार्यक्रम का संचालन किया । श्री विष्णु सक्सेना को इससे पूर्व भी हरियाणा साहित्य अकादमी से उनके एक खण्ड काव्य ,” अक्षर हो तुम ” के लिए 2014 में तथा उनके एक कविता संग्रह ” बैजनी हवाओं में ” के लिए भाषा विभाग हरियाणा द्वारा 1972 में राज्य श्रेष्ठ कृति पुरुस्कार देकर सम्मानित किया गया है। श्री सक्सेना के साहित्य पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से तीन शोधार्थी एम फिल कर चुके हैं। वर्तमान में एक शोधार्थी कर्नाटक विश्वविद्यालय से ” विष्णु सक्सेना के साहित्य में नारी विमर्श ” विषय पर पी एच डी कर रहा है। उनकी कविता , खंड काव्य,कहानी व लघु कथा पर 9 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं।

विष्णु सक्सेना

पिता - स्व ;महाशय विशम्बर दयाल माता -स्व ;श्रीमती कौशिल्या देवी जन्म -26 जनवरी 1941 ,दिल्ली शिक्षा -,डी एम् ई आनर्स रूडकी विश्वविद्यालय 1964 सम्प्रति -सेवा निवृत डिप्टी चीफ इंजिनियर एच एम् टी पिंजोर ; अब स्वतंत्र लेखन ; राज्य श्रेष्ठ कृति -बैंजनी हवाओं में [काव्य संग्रह ] भाषा विभाग हरियाणा द्वारा [1972] ;अक्षर हो पुरुस्कार तुम [खंड काव्य ] हरियाणा साहित्य अकादमी द्वारा 2014 ; पुरुस्कृत कहानियाँ -वापसी [1996] ,चमक आत्म सम्मान की [1997] ,मुक्ति एक बोन्जाई की [1999] तीनो कहानियां हरियाणा साहित्य अकादमी द्वारा पुरुस्कृत लघु शोध प्रबंध -विष्णु सक्सेना –व्यक्तित्व व कृतित्व [1998] कुसुम लता द्वारा :कहानीकार विष्णु सक्सेना [2004] अनीता नयन द्वारा : अक्षर हो तुम में मानव मूल्य [2017] कृषण चंदर द्वारा ; सभी कुरुषेत्र विश्वविद्यालय हरियाणा से एम् फिल के लिए स्वीकृत सम्मान -राष्ट्रीय हिंदी सहस्त्राब्दी सम्मान [2000] मानव संसाधन मंत्रालय नई दिल्ली : व अन्य सम्पादन -कलादीप [लघु पत्रिका ]1973 से 1975 तक :चित्रांश उदगार [एकता अंक ]सितम्बर 1997 मौलिक कृतियाँ -काव्य संग्रह –बैंजनी हवाओं में 1976, गुलाब कारखानों में बनते हैं 1995,धूप में बैठी लड़की 2010 .सिरहन सांसों की 2013 :खंड काव्य –अक्षर हो तुम 2013 ,सुनो राधिके सुनो 2021 : कहानी संग्रह _बड़े भाई 1995 ,वापसी 2003 : लघु कथा संग्रह _एक कतरा सच 2018 सम्पर्क -एस जे 41 , शास्त्री नगर ,गाज़ियाबाद 201002 उ प्र : मो - 9896888017 ई मेल -vishnusaxena26@yahoo.com