कविता

आयी है नवप्रभात!

भूतकाल से सबक ले, सुधार अवश्य हो,
संकल्प निभायेंगे, प्रतिज्ञा यथार्थ हो,
उज्ज्वल भविष्य की दमकती हो सौगात,
अलविदा २०२२, आयी है नवप्रभात।।
यशोगान, उपलब्धियां बीते साल की,
जांबाज वीर शहीदों के बलिदान की,
गौरवान्वित हो मां भारतीं का करे गुणगान,
चौकस, मुस्तैद सीमा पर हरपल जवान।।
हलधर किसान मिट्टी में आशाएं बोये,
लहराती, डोलती फसल, अन्नदाता हर्षाये,
निर्मल जलधारा, कलकल, निरंतर बहती,
शुद्ध वायु, पर्यावरण जीवनदान संजोती।।
मजदूर न मजबूर हो जीवन ढोये,
शिक्षा अलख हर हॄदय उजियार सजाये,
भूखा-प्यासा, बेछत, बेघर न हो कोई,
हर मुख निवाला, रैन बसेरा, हो तरुणाई।।
उल्लसित जीवन, आह्लाद सुरभित,
चंदा, सूरज, तारों से जीवन सुशोभित,
फूल रंगबिरंगे, कोमल, मनभावन,
हंसी, खुशी, आनंद-वैभव संतुष्ट जीवन।।
नव वर्ष में जनहितकारी संकल्प करे,
पेड़ लगाये, हरियाली धरा, सुशोभित करे,
विशाल पर्वत अटल, जलधारा निर्मल रहे,
जीवन फुलवारी, खिली खिली, महकती रहे।।

*चंचल जैन

मुलुंड,मुंबई ४०००७८