आस्था
इस सदी के सबसे लम्बे चन्द्र ग्रहण के अवसर पर एक प्रतिष्ठित टी वी चैनल पर ग्रहण के खगोलीय व आस्था पक्ष को लेकर जोरदार बहस चल रही थी | खगोलविद राकेश चन्द्र ग्रहण को विज्ञान की कसोटी पर परख कर इसे केवल एक खगोलीय घटना सिद्ध करने में लगे थे | ज्योतिषाचार्य राज पंडित राहू द्वारा चंद्रमा को ग्रसित किए जाने की बात कहकर समझा रहे थे कि ग्रहण के समय चन्द्रमा मकर राशी पर होने के कारण ,यह मकर राशी के जातकों के लिए विशेष कष्टप्रद रहेगा | अतः ऐसे जातक अपने कष्ट कम करने के लिए साबुत उढ़द अपने ऊपर से सात बार उतार कर, अगले दिन सफाई कर्मचारी को दान करें |
स्टूडियो से घर लौट कर टी वी पर अपने विषय प्रस्तुतिकरण से संतुष्ट राकेश ,पत्नी से अपनी प्रसन्नता बाँटना ही चाह रहा था कि पत्नी बोली ,”आप चाहे माने या न मानें , मैंने आपकी सुख शांति के लिए ग्रहण के समय उतारने के लिए एक किलो साबुत उड़ड मंगवा लिए हैं | आप केवल पंडित जी से यह पूँछ दीजिए कि साबुत उडद सीधी तरफ से उतारने है या उलटी तरफ से | ”
मकर राशी में जन्मे खगोलविद राकेश जो टीवी चैनल पर अपने आत्मविश्वास के कारण आस्था पर भारी पड़ रहे थे, एक बार तो सकते में आ गए | पर पत्नी का आत्म विश्वास देखते हुए उन्होंने आस्था के सामने घुटने टेक दिए व फोन पर पंडित जी से वांछित जानकारी प्राप्त करने के लिए फोन करने लगे |
— विष्णु सक्सेना