राजनीति

अपने पापों का फल भुगत रहा कर्ज से कराहता पाकिस्तान

पड़ोसी देश पाकिस्तान आज भारी कर्ज व अभूतपूर्व मंहगाई के बेहद कठिन दौर से गुजर रहा है। यद्यपि पाकिस्तान सरकार इससे मुक्ति पाने के लिए कुछ कदम उठा  रही है लेकिन यह कदम पाकिस्तान को इस भंवरजाल से उबारने के लिए नाकाफी हैं। कहा जाता है कि बुरे समय में एक के बाद एक सभी अपका साथ छोड़ कर चले जाते हैं और यही हाल इस पाकितान का हो रहा है धीरे धीरे विश्व के सभी देश उससे किनारा कर रहे हैं ।

इन परिस्थितियों में भी पाकिस्तान के राजनेता, सेना, आई.एस.आई सुधरने का नाम नहीं ले रहे, कश्मीर-कश्मीर का गाना और आतंक को पनाह देना आज भी इससे अलग हट कर वो कुछ सोच नहीं सकते। वहीं आंतरिक स्तर पर अल्पसंख्यकों का जीवन दूभर है । हिन्दू बच्चियों का अपहरण, धर्मान्तरण, मार पीट, मंदिरों को नष्ट करना यह पाकिस्तान के दैनिक समाचार हैं ।कश्मीर की चाहत के नाम पर भारत की धरती पर खून की होली खेलने  वाले खूंखार आतंकवादी पाकिस्तान की सड़कों पर खुले आम घूम रहे हैं और वो दुनिया की आंखों में धूल झोंकने के लिए अपने यहां टीवी चैनलों पर रिपोर्टिंग प्रतिबंधित कर रहा है।

विगत दिनों पाक के रक्षा मंत्री ख्वाजा मोहम्मद आसिफ ने कहा कि पाकिस्तान पहले ही दिवालिया हो चुका है ।हम सब एक डिफाल्टर हो चुके देश में रह रहे हैं।पाक की आर्थिक तंगी को लेकर रक्षा मंत्री ने यहां तक कह दिया कि अब आईएमएफ भी हमारी मदद नहीं कर सकता।हमें खुद ही इसका समाधान खोजना होगा। आसिफ ने इमरान की सरकार पर देश में आतंकियों  को पनाह देने के आरोप लगाए जबकि वास्तविकता यह है कि पाकिस्तान आतंकियों का पनाहगार व संरक्षण दाता अपने जन्म काल से ही हो गया था।

पाकिस्तान के हालात वाकई बहुत खराब हैं। महंगाई बहुत बढ़ गई है, पेट्रोल 272 तथा डीजल 281 रुपये लीटर मिल रहा है। रसोई गैस का सिलेंडर 3400 रुपए का आकंड़ा पार कर चुका है। पाकिस्तान के धनाड्य लोग प्रायः वहां से जा चुके है।केवल वही गरीब आम जनता जो विदेश नहीं भाग सकती, जिसके पास कोई साधन नहीं है वहां पर फंस गई है और अपनी सरकार का  मुंह ताक रही है। पाकिस्तान को अपने खर्चों में कटौती के लिए विवश होना पड़ रहा है लेकिन ये कटौती  नाकाफी है अभी वहां के हालात और बिगड़ने वाले हैं। पाकिस्तान में महंगाई  25 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है।आईएमएफ पाकिस्तान पर कड़ी शर्तें  लगा रहा है जिसके कारण पाकिस्तान की अवाम का गुस्सा और भड़क सकता है। शाहबाज शरीफ की सरकार दो तरफ से फंस गई है। पाकिस्तान का खजाना खाली हो रहा है उसके पास 2022 में 16.7 अरब डॉलर विदेशी मुद्रा भंडार था जो अब घटकर 3 अरब डॉलर रह गया है।जिसके कारण पाकिस्तान वाशिंगटन स्थित अपने दूतावास की संपत्ति को बेचना चाहता है जिससे कुछ पैसे जुटाए जा सकें।

यही कारण है कि अब शरीफ सरकार ने अपने खर्चों में कई प्रकार की कटौतियों का ऐलान कर – भी दिया है साथ ही सरकार अपनी बहुत संपत्ति बेचने जा रही है।पाक कैबिनेट की बैठकों में अब केवल चाय ही मिलेगी।वहां पर रात साढ़े आठ बजे के बाद बाजारों व शॉपिंग माल आदि में बिजली नहीं रहेगी। इस  प्रकार की कटौतियां का पाकिस्तान को  कितना लाभ मिलेगा यह तो समय ही बतायेगा। फिलहाल चर्चा यह भी है कि अब पाकिस्तान अपना परमाणु बम बेचकर ही  अपने आपको बचा सकता है जिसकी अभी कोई  संभावना नहीं दिखाई पड़ रही है। पाक सरकार ने आईएसआई की फंडिंग में भी कटौती कर दी है। लेकिन पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का काम चलता रहेगा क्योंकि उसे इस्लाम के नाम पर दुनियाभर के मुस्लिम देशों  से मदद मिलती है।

पाकिस्तान के इन बुरे हालातों के बीच वहां के कई वीडियो आजकल टीवी चैनलों  पर खूब दिखाए जा रहे हैं । इन वीडियो में एक यूटयूबर एक नागरिक को बताती है कि जब सन 1947 में देश बना तो पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लग रहे थे लेकिन अब लोग अब कह रहे हैं कि पाकिस्तान से जिंदा भागो चाहे चाहे इंडिया चले जाओ। इस पर एक अन्य  नागरिक जवाब देता है कि 1947 में पाकिस्तान बना और अलग हो गया  अगर ऐसा नहीं होता तो सारा हिंद पाक एक ही होता। इसके बाद एक व्यक्ति कहता है पाक को भी मोदी मिल जाये।वहां की आवाम को अब न नवाज, न शरीफ, न इमरान, नही सैनिक तानाशाही उसे तो सिर्फ मोदी चाहिए।

भारत की प्रगति व विकास को देखकर आज पाकिस्तान की जनता मोदी मोदी के नारे लगा रही है। जिससे कुछ सेकुलर घबरा गए हैं और अपना चोला बदलकर नकली राष्ट्रवादी बनकर अपनी वाहवाही करवाने के लिए कूद रहे हैं लेकिन इससे  उनका कुछ भला नहीं होने वाला क्योंकि  यह लोग भारत में अपनी हरकतों  से बेनकाब हो चुके है और भारत में इन लोगों पर अब कोई तालियां बजाना तो दूर उन पर रोना या हंसना भी नहीं चाहता। पाठक समझ गये होंगे कि यहाँ जावेद अख्तर की बात हो रही है जो अभी पाकिस्तान में एक साजिश वाली नकली स्ट्राइक करके आए हैं।

यह भारत की कुशल रणनीति व कूटनीति का ही कमाल है कि आज जावेद अख्तर जैसे लोग जो मोदी जी के घोर  आलोचक ही नहीं अपितु उनके लिए अपशब्दों का प्रयोग करने के लिए जाने जाते  हैं वह पाकिस्तान में जाकर सिर्फ अपनी वाहवाही के लिए ही सही पर आतंकवाद पर बोलकर आये हैं। जावेद अख्तर के नकली प्रेम से वामपंथी सेकुलर गैंग तालियां बजा रहा है कि जो काम मोदी नहीं कर सके वह जावेद अख्तर  साहब कर आये लेकिन हकीकत क्या है ये हर कोई जानता है।

पाकिस्तान की बदहाली की इन कहानियों के बीच कुछ रोचक बयानबाजी भी होती है जिसके बाद यह विचार करना आवश्यक  हो जाता है कि भारत के लिए कौन सा पाकिस्तान अच्छा है, लोकतांत्रिक पाकिस्तान या सैनिक तानाशाही वाला पाकिस्तान या आज का कंगाल पाकिस्तान? सच तो ये है कि पाकिस्तान का कंगाल होकर डूबना ही भारत सहित पूरे विश्व के हित में हैं  क्योंकि तब न आतंकवाद की पनाहगाह रहेगी और न आतंकवाद रहेगा। भारत के भीतर बैठी वो सभी देशविरोधी ताकतें भी डूब जायेंगी जो भारतीय संस्कृति की विरोधी हैं तथा जिनकी राजनीति का अहम बिंदु  पाकिस्तान रहता है जैसे कश्मीर का गुपकार गैंग। वर्तमान समय में पाकिस्तान को जरा सी भी ढील देना एक बड़ा गलत कदम साबित होगा।

आज पाकिस्तान के जो हालात बने हैं उसके लिए वह स्वयं दोषी है और जो लोग उसकी तुलना श्रीलंका से कर रहे हैं वह भी पाखंड व धूर्तता से कम नही है। पाकिस्तान आतंकवाद का जनक है और उसने हमारे ऊपर युद्ध थोपे, शांति प्रयासों की पीठ में छुरा भोंका, आतंकवाद को प्रश्रय देकर आज भी छद्म युद्ध लड़ रहा है, हमारे हजारों बच्चों, युवाओं, महिलाओं व सैनिकों का खून बहाया है। आज भी  पाक की धरती, वहां की सरकार व सेना की तरफ से भारत विरोधी खूंखार गतिविधियां व साजिशें अनवरत जारी हैं। पाकिस्तान में हिन्दू अल्पसंख्यकों पर अमानवीय अत्याचार हो रहे हैं ।

पाकिस्तान जैसे शत्रु का यदि उसकी ही गलती से सर्वनाश हो रहा हो तो इसे ईश्वर का वरदान मानना चाहिए।

— मृत्युंजय दीक्षित