मुक्तक/दोहा मुक्तक समीर द्विवेदी नितान्त 25/02/2023 सभी करने के आदी हैं, फकत बाजार की बातें किसी लब पर कहां अब, प्यार औ मनुहार की बातें अजीजों का भी अन्दाज-ए-वयां, इस तौर बदला है नहीं अपनी रहीं, होने लगीं, संसार की बातें — समीर द्विवेदी नितान्त