होली गीत “छाया है उल्लास, चलो होली खेलेंगे”
मन में आशायें लेकर के,
आया हैं मधुमास, चलो होली खेलेंगे।
मूक-इशारों को लेकर के,
आया है विश्वास, चलो होली खेलेंगे।।
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मन-उपवन में सुन्दर-सुन्दर, सुमन खिलें हैं,
रंग बसन्ती पहने, धरती-गगन मिले हैं,
बाग-बहारों को लेकर के,
छाया है उल्लास, चलो होली खेलेंगे।
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सरिता का सागर में, ठौर-ठिकाना सा है,
प्रेम-प्रीत का मौसम, बड़ा सुहाना सा है,
शोख नजारों को ले करके,
आया है दिन खास, चलो होली खेलेंगे।
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सपने जो देखे थे, वो साकार करेंगे ,
बैर-भाव को भूल , लोग अब प्यार करेंगे,
चाँद सितारों को ले करके,
आया है आकाश, चलो होली खेलेंगे।
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सुन्दर है संगीत, मिलन का गीत सुनाओ,
त्योहारों की रीत, गले से अब लग जाओ,
नेक विचारों को लेकर के,
जाओ सबके पास, चलो होली खेलेंगे।
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खुशियों की सौगात लिए, होली आयी है,
चाँदी जैसी रात लिए, होली आयी है,
सूर्य उजाला लेकर के,
लाया है धवल प्रकाश, चलो होली खेलेंगे।
— डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’