हौसला आज भी बहोत बाक़ी है
आज़माने की हमें कोशिश ना करना
देखते रैह जाएं गै आप अैैसे ही
साफ़ निकल जाएं गे हम मुसकराते हूए
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रोएं गै नही हम किसी भी हालत में
तडपा कर देख ली जिये हमें जितना
तंग आ जाएं गे ख़ुद ही अपनी कोशिशों से
आप इस तराह से हम को सताते हूए
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हम तो हहर रोज़ ही बनाते हैं
नक़श अपने क़दमों के ज़मीन पर
निशान आप के क़दमों के मिट जाएं गे
निशान हमारे माओं के मिटाते हूअ
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माओं अपने जहाँ पर भी रखते हैं
कुछ नमी सी लगती है हमें नवहाँ पर
कहीं यिह आँसू तो नही हैं आप के
गिरे हों जो यहाँ पर आप के रोते हूए
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बहोत अछी लगती है यिह ज़िनदगी हमारी
रैहते हैं हम जिस में हम जिस हाल में घी
झूठी लगती है सब को यिह बात हमारी
सच बे शक अस के दुनिया में होते हूए
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साफ़ ही हम नज़र आएं गे हम हमेशा
हर बार किसी भी शीशे के अक़स में
साए किसी भी शाम के बै शक
कितने भी चाहे धुनढले से होते हूए
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मख़मूर आँखें आप की कैह रही हैं
राज़ सारे ही आप के बे चैन दिल के
रातों को बिलकुल सोते नही हैं आप
रातें आप की कटती हैं रोते हूए
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यादें भी बहोत सताती हैं आप को –मदन–
सोने देती नही हैं यिह भी आप को
जगा के रखती हैं यिह भी तो आप को
आँसूओं के आँखों से आप की गिरते हूए