बाल कविता – जंगल की होली
जंगल के राजा शेर
ने एक सभा बुलाई ।
प्रहलाद की भक्ति
होली की बात बताई ।।
हम सभी खेलेंगे कल
होली लेकर अंगडाई ।
पर रखना यह ध्यान
न हो झगड़े – लड़ाई ।।
द्वेषता-नफरत से ही
हमेशा मुशीबत आई ।
रहें जंगल में मंगल
तो करों सबकी भलाई ।।
— गोपाल कौशल