बाल कविता – रंगपंचमी
प्रेमरंग की बौछार रंगपंचमी
सद्भाव की बहार रंगपंचमी ।
आनंद मय हो जीवन हमारा
ऐसी शुभकामना है रंगपंचमी ।।
गेर संग निकले फाग यात्रा
कान्हा संग निकले है राधा ।
हर गांव-शहर बना इंद्रधनुषी
प्रेमरंग से दूर करें हर बाधा ।।
बच्चों की टोली लगे निराली
द्वेषभाव से दूर है किलकारी ।
बुरा न माने कोई भी इनका
उडाएं गुलाल,मारे पिचकारी ।।
हर्षोल्लास का रंग,रंगपंचमी
टेसू-पलाश का रंग,रंगपंचमी ।
रहें सदा हरियाली धरती पर
ऐसी शुभकामना है रंगपंचमी ।।
— गोपाल कौशल भोजवाल