बाल कविता

बाल कविता – रंगपंचमी

प्रेमरंग की बौछार रंगपंचमी
सद्भाव की  बहार रंगपंचमी ।
आनंद मय हो जीवन हमारा
ऐसी शुभकामना है रंगपंचमी ।।
गेर संग निकले  फाग यात्रा
कान्हा संग  निकले है राधा ।
हर गांव-शहर बना इंद्रधनुषी
प्रेमरंग से दूर  करें  हर बाधा ।।
बच्चों की टोली लगे निराली
द्वेषभाव से दूर है किलकारी ।
बुरा न माने  कोई भी इनका
उडाएं गुलाल,मारे पिचकारी ।।
हर्षोल्लास का रंग,रंगपंचमी
टेसू-पलाश का रंग,रंगपंचमी ।
रहें सदा हरियाली धरती पर
ऐसी शुभकामना है रंगपंचमी ।।
— गोपाल कौशल भोजवाल 

गोपाल कौशल "भोजवाल"

नागदा जिला धार मध्यप्रदेश 99814-67300