कविता

भ्रष्टाचार का कानून

वाह रे! राजनीति की माया
क्या आपको कुछ समझ आया?
आया तो अच्छा है
नहीं आया तो सबसे अच्छा है।
क्योंकि आपने अंतरराष्ट्रीय माडल के स्कूलों में पढ़ा होगा
शराब पीकर इम्तिहान दिया होगा।
आपको मंत्री जी की माया कहाँ समझ में आएगी,
उनके पवित्र शिक्षा माडल की गुणवत्ता
आपके भेजे में भला क्यों समायएगी
शराब की मलाई शिक्षा की डिग्री में जो खाई होगी।
मैं अपनी समझ का बखान करता हूँ
गंगा स्नान कर शिक्षा मंत्री के
शराबयज्ञ का दिल से गुणगान करता हूँ।
शिक्षा के संत आखिर शिक्षा का स्तर
अंतरराष्ट्रीय माडल के रूप में स्थापित करते रहे,
बदले में शराब छककर कौन सा गुनाह किए,
मुझे तो समझ नहीं आता।
ई डी, सीबीआई को काम करना नहीं आता
हमारी सरकार को कुछ नहीं दिखता।
जिसे शराबरत्न का पुरस्कार देना चाहिए
उनको तिहाड़ में दाना- पानी करा रहे हैं
विपक्षी सरकारों को आज़ादी से
काम करने की आज़ादी नहीं दे रहें हैं।
सी बी आई, ई डी को उनके पीछे लगा रहे हैं।
अब जीना भी जब दुस्वार हो जाएगा
सरकार का सुख तब भला कैसे मिल पागा,
जब हर समय जाँच, कानून और न्यायालय का पहरा होगा।
जैसे दिल्ली, बिहार, तेलंगाना में हो रहा है।
आप सबका भ्रष्टाचार देख रहे हैं
शिक्षा का दिल्ली माडल क्यों नहीं देखते
शराब मंत्री को थोड़ी चढ़ गई तो
उस पर इतना हो हल्ला क्यों करते हो ?
शिक्षा की आड़ में शराब का फायदा
तेलंगाना के साथियों तक ही तो पहुँचाते हैं।
बीमार नेता जी को पूछताछ को बुलाते हैं
परिवार रिश्तेदार तक के घरों पर छापा डलवाते हैं।
चुनाव नजदीक देख बेवज़ह डराते हैं
झूठे आरोप लगाते, जेल में पहुँचाते हैं।
राष्ट्र के विकास में इनके योगदान
आपको तो नजर ही नहीं आते हैं,
आपको सारे विपक्षी खतरा ही नज़र आते हैं।
उदाहरण दे कर हम समझा रहे हैं
उनके मुखिया जब उनको संत कह रहे हैं
उनके शिक्षा माडल का गुणगान कर रहे हैं
तब भी आप झूठे आरोप लगा तिहाड़ में डाल
सचमुच कितना अन्याय कर रहे हैं।
ये बात आप क्यों नहीं समझते हैं?
उनका तो वायदा ही बदलाव की राजनीति का था
शिक्षा के साथ शराब माडल में गुनाह क्या है?
राजनेता गुनाह या भ्रष्टाचार न करें
बताइए भला संविधान में ये कहाँ लिखा है?
राज़ की बात है राज़ ही रहने दो
राजनीति करना है तो धन तो कमाना ही है
जो भ्रष्टाचार कर सकता हो वो ही बड़ा सयाना है।
हम खुलकर कर रहे हैं आप भी कीजिए
एक दूजे को भाईचारे सरीखा सहयोग दीजिए,
नेताओं के लिए भ्रष्टाचार की आज़ादी का कानून
सब अपने अपने सदन में पास कर दीजिए
आप भी खुश रहिए हमें भी खुश रहने दीजिए
हमारी आजादी में बेवज़ह अवरोध न कीजिए।
भ्रष्टाचार को संवैधानिक अधिकार दे दीजिए।

 

*सुधीर श्रीवास्तव

शिवनगर, इमिलिया गुरूदयाल, बड़गाँव, गोण्डा, उ.प्र.,271002 व्हाट्सएप मो.-8115285921