मैं अदृश्य होना चाहती हूं
लोगों की नजरों से छुपना चाहती हूं,
चेहरे पर मुखौटे हैं सबके यहां,
बड़बोली बोली से बचना चाहती हूं,
मैं अदृश्य होना चाहती हूं।
मुझे पहचानने वाले, मेरी पहचान मिटाने में जुटे है,
मेरे नाम से नाम कमाने वाले, मुझे बदनाम करने में जुटे है,
बड़ा स्नेह हैं सभी को मुझसे यहां,
वक्त बेवक्त मेरा उपहास उड़ाने में जुटे है,
इस दगाबाजी मोहब्बत से भागना चाहती हूं,
मैं अदृश्य होना चाहती हूं।
मेरे आंसुओं को खाड़ा पानी समझते है कुछ लोग,
मेरी हंसी को हांमी समझते है कुछ लोग,
मुझे छूने की चाहत हैं कइयों को यहां,
उस जहरीली छुअन से बचना चाहती हूं,
मैं अदृश्य होना चाहती हूं।