मैंने देखा है
अक्सर लोगों को
बिल्कुल हिचकते नहीं..
एक पल भी सोचते नहीं..
अपने हित के आगे उनको..
सच कहूं ….
कभी कुछ भी दिखता नहीं.
हाँ, उनको खलती है
अपनी महत्ता
अपने हो कर भी ना होने की
वो छिपी मानसिकता…
जो बहुत देर तक
दिखावा करते-करते
उसके बाद..फ़िर
सामने ही आ जाते हैं..
वो बुन लेते है जाल..
पहना देते हैं जामा
अपनत्व के नाम
फिर छलते है विश्वास..
करते है जान-बूझकर आहत
खेलते है भावनाओं से
और करते रहते है…
आजीवन अपनत्व के नाम
मुखर होकर भावनाओं का इस्तेमाल….!!
#मेरी रुह@
#नंदिता@