बिहार दिवस (22 मार्च 2023, 111वाॅ स्थापना दिवस)
बिहार है वह पावन भूमि ,
जहाँ माता सीता ने जन्म लिया।
जहाँ धर्म,ज्ञान की ज्योति जली,
वैराग्य का प्रादुर्भाव हुआ।
जिस मिट्टी मे ऋषि मुनियों ने,
जन्म लेकर
भारत माँ का गौरवगान किया।
जिस धरती पर डॉ. राजेन्द्र प्रसाद,
जन्म लेकर भारत को कृतार्थ किया।
जिस भूमिपर भगवान महावीर ने जैन धर्म का,
जैनत्व परचम लहराया।
जिस माटी में गौतम बुद्ध ने
संसार असार बताया था।
यहीं जन्में गुरु गोविंद सिंह ने,
सिक्खों का मान बढ़ाया था।
इसी धरती से महात्मा गांधी ने,
चंपारण आंदोलन का बिगुल बजाया।
जयप्रकाश नारायण ने स्वतंत्रता हित
आह्वान कर अलख जगाया।
इस भूमि के वीर सपूत ने,
छः देशों के प्रमुख के रुप मे राज किया।
जिस बिहारी के नाम पर,
अंटार्कटिका मे पूरा पहाड़ को नाम मिला।
महाबोधि मंदिर की प्रभावना से
चार मंदिरों का प्रादुर्भाव हुआ।
मेरा बिहार वो बिहार है जहाँ
चलचित्रों में भी भक्ति जगी।
गंगा मैया तोहे पियरी चढ़इबो
प्रथम भोजपुरी फिल्म बनीं।
जिस बिहार के पूर्णिया से भरी थी पहली उड़ान ।।
उस जहाज़ को ही एवरेस्ट पर
आस्कर का खिताब मिला।
जिस बिहार की हस्तकला
जापान म्युजियम की शोभा बना।
उस मिथिला पेंटिंग को
सारे जग में नाम मिला।
जिस बिहार में खुदाबख्श पुस्तकालय नाम,
दुनियाँ कके समृद्ध युगकालीन पुस्तकालयों मे दर्ज है,
जिस बिहार में मगही,मैथिली, अंगिका योग का दर्शन हुआ,
जिस बिहार के लाल ने
साहित्य को नये आयाम दिये
जानकी वल्लभ शास्त्री, दिनकर, शंभु शिखर
नागार्जुन, बिहारी लाल, बाणभट्ट, नेपाली ने
साहित्य को पूरी दुनियाँ में पहचान दी।
भोजपुरी नाटक का शेक्सपीयर भिखारी ठाकुर को कहते हैं ।
बिहार की भूमि उनके पगरज से जानी जाती है।
जिस बिहार में ही सबसे पहले महिलाओं को अधिकार मिला
माहवारी पर कार्यक्षेत्र में छुट्टी देने की शुरुआत हुई।
जिस बिहार की विज्ञ विभूति स्नेहलता और मामाजी द्वारा ,
रामकथा वाचक जानकी विवाह के गीतों को प्रचार मिला।
सर्व प्रथम भ्रष्टाचारियो की संपति ज़ब्त करने का कानून बना
भारत का रेलवे कॉलेज,
रेलवे स्पेशल क्लास अप्रेटिस से मान बढ़ा।
अंग्रेजों के राज में मुस्लिमों का पहला स्कूल खुला,
बाघों के मशहूर शिकारी जिम कार्बेट की कर्मभूमि होने का मान मिला।
सम्राट समुद्रगुप्त को भी बिहार ने ही
भारत का नेपोलियन होने का गौरव दिया।,
गीतों की दुनियाँ भी कब रही अछूती
एम एच बिहारी को भारत की मशहूर फ़िल्म,
कश्मीर की कली के गीत लिखने का गौरव मिला।
एशिया के एकलौता डॉल्फिन अभयारण्य को,
राष्ट्रीय अभयारण्य की मान्यता मिली।
अर्थशास्त्र के जनक कहते सब हैं जिनको
उस कौटिल्य चाणक्य का जन्म यहीं हुआ।
कामसूत्र के रचयिता, वात्स्यायन
का भी तो जन्म इस भू पर हुआ।
भारतीय संसद ने भी गोरव पाया
दो-दो अध्यक्ष यहाँ से मिले।
भारतीय संविधान सभा के दो रक्षक
डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, सच्चिदानंद सिन्हा यहीं तो थे जन्में।
इसी बिहार में ही ब्रिटिश महिला ग्रेजुएट,
कादंबिनी गांगुली का जन्म हुआ।
महान शासक अशोक को कैसे भूलें
अशोक चक्र प्रसिद्ध है जिनका,
उनका भी तो बिहार में ही जन्म हुआ।
— रूपेश कुमार