भजन/भावगीत

जय माता दी

गूंज रहा मां का जयकारा, जय माता दी ।।
सजा हुआ दरबार है प्यारा, जय माता दी ।।
कौन है तुमसा तारन हारा, जय माता दी ।।
तुमसा मइया कौन सहारा, जय माता दी ।।
उसके बिगड़े काम बनें हैं, पल भर में मां,,,
जिसने तेरी ओर निहारा, जय माता दी ।।
उस की झोली पल भर में, मां भर देती है,,,
जिसने दर पे हाथ पसारा, जय माता दी ।।
मैंने पाया, तुमने पाया, सब पाएंगे,,,
ऐसा है मां का भण्डारा, जय माता दी ।।
तेरी पावन ज्योति मिटाए सब अंधियारा,,,
सांचा है दरबार तुम्हारा जय माता दी ।।
— समीर द्विवेदी नितान्त

समीर द्विवेदी नितान्त

कन्नौज, उत्तर प्रदेश