रामराज्य की परिकल्पना
ऋषि मुनियों की पावन इस धरती पर
श्रीराम की रामराज्य कब आयेगा
जिस दिन नदी के एक घाट पर आकर
बाघ और बकरी एक साथ प्यास बुझायेगा
ऋषि मुनियों की पावन इस धरती पर
कब जन जन गुंडे मवाली से मुक्ति पायेगा
निर्भिक भाव से इस बस्ती में नागरिक
शांति पूर्वक जीवन जी धन्य हो जायेगा
ऋषि मुनियों की पावन इस धरती पर
अपराधी गण कब जेल पहुँच जायेगा
बात बात में असलेह चलाने वाले को
कानून अपना रोद्र रूप कब लवायेगा
ऋषि मुनियों की पावन इस धरती पर
विकास की रथ कब धरा पर आयेगा
हर घर हर जन जन के घर में कब
विकास की परचम कब लहरायेगा
ऋषि मुनियों की पावन इस धरती पर
ज्ञान की बयार कब प्रकृति बहायेगा
पाखंडी मूरख प्राणी से कब तक
मुक्त हो जन जन आराम फरमायेगा
— उदय किशोर साह