कविता – स्कूल चलें हम
साक्षर बनने को विद्या के मंदिर चलें हम
ज्ञान का मंदिर कहलाता स्कूल चलें हम
हम स्कूल में सीखते नित नए पाठ है
सुबह करते ज्ञान की देवी सरस्वती को नमन है
उसके बाद गुरु देते हमको सब विषयों का ज्ञान है
समझाकर पढ़ाते करते बच्चों का विकास है
प्रतिभा निखारते बच्चे की गुरु का उपकार है
स्कूल में कई हमारे दोस्त, मित्र बन जाते है
स्कूल में हमें बताते योग और आध्यात्मिक का ज्ञान है
करते देश प्रेम के प्रति भावना का विकास है
जब हम सब पढ़ेंगे तभी राष्ट्र का विकास है
देश कहलायेगा हमारा विश्व गुरु यही हमारा प्रयास है
विद्या को अर्जित करें बने अच्छे नागरिक है
मानवता गुण अपनाकर करते संसार में नाम है
— पूनम गुप्ता