संगीत
मेरे हर दर्द की दवा हो तुम,
मेरी हर खुशियों की वज़ह हो तुम।
मेरे मन में सदैव बजती हो तुम,
मेरे अंग में सदैव बसती हो तुम।
मेरी जिंदगी का हर किस्सा हो तुम,
मेरे जीवन का अब एक हिस्सा हो तुम।
सुनकर तुम्हें कहीं और ही खो जाती हूं मैं,
अकेले में भी तुम्हें सुनकर मुस्कुराती हूं मैं।
जादू ऐसा कहा से लाई हो तुम?
पता नहीं कहा से आई हो तुम?
अब दूर मुझसे जाना ना तुम,
बस मुझमें ही बसकर रह जाना ना तुम।
बस मुझमें ही बसकर रह जाना ना तुम ।।
— ख्यालती टंडन