हे मानव ! तू आज में “जी” मत कर चिंता दुखी पल की, मत कर चिंता बीते कल की। माना जीवन हैं ही दुखों का मेला, जिनमें तू ही बस ना हैं अकेला। अपने दुःख के आंसुओं को पी, हे मानव तू आज में “जी”।। बीते कल की चिंता में तू, खुद को दुखी ही […]
Author: ख्यालती टंडन
उम्र - 20 वर्ष
कक्षा - BA द्वितीय वर्ष
पिता का नाम - श्री हरिचरण टंडन
माता का नाम - श्रीमती सफुरा टंडन
पता - पन्ना नगर रिंग रोड नं 2
जरहाभाठा बिलासपुर ( छ. ग.)
संगीत
मेरे हर दर्द की दवा हो तुम, मेरी हर खुशियों की वज़ह हो तुम। मेरे मन में सदैव बजती हो तुम, मेरे अंग में सदैव बसती हो तुम। मेरी जिंदगी का हर किस्सा हो तुम, मेरे जीवन का अब एक हिस्सा हो तुम। सुनकर तुम्हें कहीं और ही खो जाती हूं मैं, अकेले में भी […]